एकांकीपन में अक्सर ही धड़कनें मेरा साथ देती हैं । एकांकीपन में अक्सर ही धड़कनें मेरा साथ देती हैं ।
और में अचानक आ काश में उड़ ती, रसातल में पहुंच जाती हूं, कभी कभी, कभी कभी। और में अचानक आ काश में उड़ ती, रसातल में पहुंच जाती हूं, कभी कभी, कभी कभी।
यूँ अकेले सिसकते हम जुदाई सहे कोई ग़म नहीं यूँ अकेले सिसकते हम जुदाई सहे कोई ग़म नहीं
गुज़र गया जो वक्त हाथ कहां आएगा, गुज़र गया जो वक्त हाथ कहां आएगा,
हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो जाती है..... हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो ...
नए मिलन से तुम्हारे नए लक्ष्य से मुकाबला हो गया। नए मिलन से तुम्हारे नए लक्ष्य से मुकाबला हो गया।